मरुस्थलीकरण नियंत्रण पर अंतरराष्ट्रीय वेबीनार-रिसोर्स परसंस ने सुझाए विचार

फिरोजाबाद शिकोहाबाद (अब्दुल सत्तार ): पालीवाल महाविद्यालय शिकोहाबाद के जंतु विज्ञान विभाग राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं नगर पालिका परिषद शिकोहाबाद के संयुक्त तत्वाधान मे मरुस्थलीकरण नियंत्रण, पुनर्स्थापना पर प्रभाव एवं अनावृष्टि प्रतिस्कन्दन सुधार भारतीय परिप्रेक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय बेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार का आरंभ मां सरस्वती के नामोच्चारण के साथ हुआ। इस वेबीनार के आयोजन सचिव डॉ एमपी सिंह ने बताया कि विषय बहुत ही ज्वलंत है और इस वर्निंग इश्यू पर वैश्विक स्तर पर समाधान निकालना होगा। भारतीय परिपेक्ष में मरुस्थलीकरण की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। डॉ सिंह ने सभी रिसोर्स परसंस का क्रमवार परिचय कराया वही प्राचार्य डॉ प्रवीण कुमार ने सभी अतिथि वक्ताओं का स्वागत किया और इस कार्यक्रम में समय देने के लिए और इस ज्वलंत विषय पर विचार व्यक्त करने के लिए आभार भी जताया। प्रथम वक्ता के रूप में सेंट्रल यूनिवर्सिटी महेंद्रगढ़ हरियाणा के पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मोना शर्मा ने आंकड़ों के माध्यम से मरुस्थलीकरण के क्षेत्र चिह्नित किया। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस पर अमल न किया गया तो भारत का अधिकांश हिस्सा धीरे-धीरे इस ओर अग्रसर हो जाएगा। उन्होंने बताया कि डिफोरेस्टेशन बंद किया जाए और अर्बनाइजेशन के लिए मानकों के अनुसार कार्य हो, वाटर हार्वेस्टिंग का पूरा ध्यान रखा जाए, ओवरग्रेजिंग पर भी नियंत्रण किया जाए।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अलीगढ़ के विधि विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर शब्बीर साहाब ने बताया की रेगिस्तान बनने की प्रक्रिया (डेजर्टिफिकेशन) भारत के सामने एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है। यह वह प्रक्रिया है जिसमें उपजाऊ भूमि रेगिस्तान में बदल जाती है, आमतौर पर सूखे, वनों की कटाई या अनुचित कृषि के कारण। यह प्रक्रिया लाखों लोगों की आजीविका को खतरे में डालती है, खासकर शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में। प्रभावी निगरानी, पुनर्स्थापन और सहनशीलता रणनीतियाँ इन प्रभावों को कम करने और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। रेगिस्तान बनने की प्रक्रिया की निगरानी,निगरानी का महत्व, निगरानी के तरीके सेंसिंग और जीआईएएस सैटेलाइट इमेजरी जियोग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) पर आधारित अवलोकन फील्ड सर्व, जलवायु डेटा भारत में वर्तमान उदाहरण थार रेगिस्तान का विस्तार सैटेलाइट डेटा दिखाता है कि थार रेगिस्तान का विस्तार हो रहा है, जो अति-चराई, वनों की कटाई, और जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। महाराष्ट्र में सूखे की स्थितियों को ट्रैक करने के लिए मैदान पर आधारित अवलोकन और जलवायु डेटा का उपयोग किया जा रहा है। पुनर्स्थापन को प्रभावित करना। पुनर्स्थापन का महत्व,पुनर्स्थापन तकनीकें आदि। उन्होंने कई राज्यों और विदेश के भी उदाहरण प्रस्तुत किए।
पेरू से अंतरराष्ट्रीय स्पीकर डॉ सुगांडो एडिलबेट्रो वरगारा ने पीपीटी के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों को प्रदर्शित किया जहां पर मरुस्थलीकरण हो रहा है और उपजाऊ भूमि अनुपजाऊ भूमि के रूप में तब्दील हो रही है। वेबीनार के चीफ गेस्ट और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स आर्गेनाइजेशन के जनरल सेक्रेटरी प्रोफेसर अरुण कुमार ने अपने वक्तव्य में बताया कि सरकार ने मरुस्थलीकरण से बचने के लिए जो कानून बना रखे हैं उनका धरातल पर पालन नहीं हो रहा है l यह सभी एक्ट्स इंप्लीमेंट होने चाहिए और मानकों के अनुसार शहरीकरण, वनीकरण आदि होना चाहिए l वेबीनार में टेक्निकल सेशन के दौरान किशोरी रमन महाविद्यालय मथुरा की असिस्टेंट प्रोफेसर नीति ने अपना पेपर प्रेजेंटेशन दिया जिसको प्रोफेसर सुषमा सैनी, प्रोफेसर अनुपमा चतुर्वेदी, डॉ दर्शना कुमारी, डॉ प्रीति सिंह, एवं डॉ टी एच नकवी ने चेयर किया। बेबीनार में ईश्वर, लाईबा फातिमा, डॉ सुमन, अमित, आरजू कुलश्रेष्ठ, आदित्य कुलश्रेष्ठ, लैब सहायक श्री राम सिंह, प्रिया कुमारी, सोनी, बंदना, कोमल टंडन, दीप्ति यादव आदि अनेक छात्र-छात्र उपस्थित रहे।
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गैंगस्टर की 50 लाख 96 हजार की चल संपत्ति कुर्क

 फिरोजाबाद शिकोहाबाद (अब्दुल सत्तार) : जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा गैंगस्टर, भूमाफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। इसी कड़ी में बुधवार को गैंगस्टर की चल संपत्ति को जब्त किया गया। जिसकी कीमत 50 लाख 96 हजार रुपये बताई गई है। पुलिस की इस कार्यवाही से गैंगस्टर-भूमाफियाओं में दहशत फैली हुई है।
सीओ प्रवीन कुमार तिवारी ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित के निर्देशन में शिकोहाबाद थाना में पंजीकृत गैंगस्टर के मुकदमे में पुलिस ने कार्यवाही की। गैंगस्टर ब्रजेश यादव उर्फ डिम्पू उर्फ कमलकांत पुत्र जगदीश निवासी अजायपुर फरिहा हाल निवासी लक्ष्मीनगर बोझिया शिकोहाबाद की 50 लाख 96 हजार रुपये की चल संपत्ति जिलाधिकारी के आदेश पर जब्त की गई है। उन्होंने बताया कि यह कार्यवाही गिरोहबंद एवं असामाजिक क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत कार्यवाही की गई है। यह कार्यवाही एसडीएम कुमारी विकल्प एवं सीओ प्रवीन कुमार तिवारी के नेतृत्व में पुलिस ने मय राजस्व टीम के साथ की है। संपत्ति को जब्त करने के बाद सर्वसाधारण को लाउडस्पीकर के माध्यम से जब्त की गई संपत्ति के बारे में अवगत कराते हुए बताया गया कि निम्न संपत्ति की किसी भी व्यक्ति द्वारा खरीद-फरोख्त न की जाए।
ट्रक संख्या यूपी 83 बीटी 9255 कीमत 20 लाख छह हजार रुपये। ट्रकं संख्या यूपी 83 बीटी 3030 कीमत 15 लाख छह हजार, ट्रक संख्या यूपी 83 बीटी 3000 कीमत 15 लाख 30 हजार रुपये। जिसे बीमा कंपनी की किस्त ना भरने के कारण बीमा कंपनी द्वारा अधिग्रहण किया गया है। जब्तीकरण की कार्यवाही करते समय उप जिलाधिकारी सुश्री विकल्प, नायब तहसीलदार अजय कुमार, सीओ प्रवीन कुमार तिवारी, प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार और वरिष्ठ उप निरीक्षक योगेंद्र सिंह मौजूद रहे।
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