श फिरोजाबाद शिकोहाबाद (अब्दुल सत्तार) : जन्तु विज्ञान विभाग में व्याख्यान श्रृंखला के आज पांचवे दिन असिस्टेंट डायरेक्टर सेरीकल्चर योगेंद्र सिंह ने सेरीकल्चर से संबंधित छात्र-छात्राओं को विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरान उन्होंने छात्र छात्राओं को रेशम कीट पालन से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियां जैसे रेशम कीट की विभिन्न प्रजातियां का परिचय कराया उनका भारत के किन राज्यों में पालन किया जा सकता है, और कहां पर उनका पालन किया जा रहा है विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने बताया कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां चार प्रकार के रेशम कीट पालन का कार्य किया जा रहा है बाकी शेष देशों में केवल दो अथवा तीन प्रकार के रेशम कीट पालन का ही कार्य किया जा रहा है, जिसमें मलबरी सिल्क, मूंगा सिल्क, टसर सिल्क एवं ऐरी सिल्क नामक चारों प्रकार की प्रजातियां हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. प्रवीण कुमार ने कहा कि आज किसी भी युवा को रोजगार के लिए परेशान होने की बजाय इसी तरह के कुटीर उद्योग प्रारंभ करने से आजीविका आसानी से चल सकती है। व्याख्यान श्रृंखला के आयोजन सचिव डॉ एम पी सिंह ने कहा कि इस प्रकार के व्याख्यान से आज हमारे महाविद्यालय के छात्र छात्राएं स्वरोजगार सम्बंधी ज्ञान को प्राप्त कर रहे हैं।
इस अवसर पर इस अवसर पर डॉ सुशील कुमार, डॉ आरबी पाण्डेय, कु. शालू अग्रवाल एवं लैब सहायक श्री राम सिंह के अतिरिक्त बी एस सी एवं एम एस सी के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।