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फिरोजाबाद। ब्यूरो रिपोर्ट (रीना खान) : जनपद में ऑपरेशन जागृति फेस -2 अभियान के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित द्वारा थाना रामगढ़ क्षेत्रान्तर्गत एसएन पैलेस में महिलाएं एवं बालिकाओं और आमजन को ऑपरेशन जागृति के मुख्य बिन्दुओं के बारे में विस्तृत जानकारी देकर जागरूक किया गया। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक नगर, क्षेत्राधिकारी नगर, यूनीसेफ टीम, प्रभारी निरीक्षक रामगढ़ एवं अन्य अधिकारी कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
*आपरेशन जागृति के प्रमुख मुद्दे*
इस दौरान बताया गया कि ऑपरेशन जागृति अभियान के प्रमुख मुद्दे हैं जैसे साइबर बुलिंग मतलब सोशल मीडिया पर महिला व बालिकाओं के साथ जो अपराध होता है जैसे मान लो कि हमें किसी अंजान लड़के ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। तो हम जनरली उसको बिना जाने पहचाने एक्सेप्ट कर लेते है। अब वह लड़का हमसे मैसेज में बात करने लगता है। जबकि हम ना तो उसे लड़के का बैकग्राउंड जानते हैं, ना उस लड़के को जानते हैं और ना ही उस लड़के की इंटेंशन को जानते हैं। फिर वह लड़का हमसे बातचीत करने लगता है। हमारी सारी पर्सनल इनफॉरमेशन लेने लगता है। और धीरे-धीरे करके हम उसके ट्रैप में फंस जाते हैं और एक दिन हमें इसका बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है। तो इस तरह अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट मत कीजिए। वहीं दूसरी और जो बालिकाएं या महिलाएं अपनी फोटो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करती हैं। वो भी बिना किसी प्राइवेसी के। तो कुछ अराजक तत्व उस बालिका अर्थात महिला की फोटो को एडिट करके या उस पर गंदा कमेंट डालकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करता है अर्थात वायरल करता है। जिससे उस महिला या बालिका की छवि खराब होती है।
दूसरा मुद्दा जैसे काउंसलिंग से मतलब उन पीड़िताओं की काउंसलिंग से हैं जिनको समाज नहीं स्वीकारता अर्थात यदि किसी बालिका या महिला के साथ कोई अपराध हो जाता है तो समाज उसे हीन दृष्टि से देखता है। जिन लोगों ने दुर्व्यवहार का अनुभव किया है उनमें पुरानी बातों को सोचकर चिंता, विश्वास संबंधी समस्याएं आम हैं। कई बार ऐसे मामलों में पीड़िता की नए रिश्ते बनाने और खुशी पाने की क्षमता को प्रभावित हो जाती है। पीड़िताओं की काउंसलिंग के लिए डॉक्टर, साइकोलॉजिस्ट, पुलिस आदि शामिल होते हैं जिनके द्वारा काउंसलिंग की जाती है ।
जिनमें से सबसे पहले आता है जैसे कि सामान्यतः हम लोग देखते हैं कि बालिका व महिलाओं के साथ जो अपराध व हिंसा होती है, जिस कारण समाज उसको हीन दृष्टि से देखता है या फिर कहें कि समाज द्वारा उनके साथ दोहरा व्यवहार किया जाता है। तो ऐसे में हमें उस पीड़ित बच्ची और महिला को समझना होगा, उसको सहारा देना होगा ।
फर्जी एफआईआर से मतलब है कि जो लोग अपने जमीनी विवाद, चुनावी रंजिश आदि को लेकर परिवार की महिला और बेटी को आगे करके, विपक्षी पर अनावश्यक दबाव बनाने हेतु थाने में जाकर झूठी एफआईआर दर्ज कराते हैं। जैसे सामान्यतः गांव में यदि दो पक्षों में मकान, दुकान, खेत अर्थात भूमि के बंटवारे का विवाद है। लेकिन लोग सोचते हैं कि अगर महिला की तरफ से मुकदमा लिखवा दिया जाएगा तो पुलिस द्वारा ज्यादा अच्छी और प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। इसलिए कुछ लोग विपक्षी पर अनावश्यक दबाव बनाने हेतु थाने में जाकर, महिला को आगे करके, झूठी एफआईआर दर्ज कराते हैं।
यहां इलोपमेंट से मतलब प्रेम प्रसंग के मामले में जिन बालक बालिका द्वारा गलत निर्णय लिया जाता है। उसके संबंध में उनको समझाना । सामान्यत 10 साल से ऊपर और 18 साल से काम के लड़के और लड़कियों में कुछ शारीरिक परिवर्तन होता है। जिसकी वजह से दोनों एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते हैं। इमैच्योरिटी के कारण कुछ भी फैसला ले लेते हैं। कुछ पेरेंट्स होते हैं जो अपने बच्चों को स्पेस नहीं देते। इसलिए बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें। बच्चों की हर छोटी-मोटी बात को ध्यानपूर्वक सुने और उस पर निर्णय लें।
इसके बारे में उन बालक बालिकाओं को भली बाती समझना और आयु पूर्ण होने तक अपने करियर पर फोकस करके अगला कदम उठाने के लिए समझना चाहिए।
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