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फिरोजाबाद शिकोहाबाद (अब्दुल सत्तार) : अटेवा पेंशन बचाओ मंच फिरोजाबाद के नेतृत्व में शिक्षकों ने सोमवार को शासन द्वारा ऑन लाइन अटेंडेंस का विरोध किया। शिक्षकों ने विद्यालयों में काली पट्टी बांध कर अध्यायपन कार्य किया। वहीं कुछ शिक्षकों ने नारेबाजी भी की।
अटेवा के जिलाध्यक्ष ने बताया कि शासन ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए शिक्षक और कर्मचारियों की ऑनलाइन अटेंडेंस चालू कर दी है। जिसका हम सभी शिक्षक और कर्मचारी विरोध करते हैं। अटेवा के नेतृत्व में सोमवार को ऑन लाइन अटेंडेंस नीति का विरोध करते हुए शिक्षकों एवं कर्मचारियों द्वारा अपने स्कूल कॉलेज एवं कार्यालय में काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया।
अटेवा जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार कृष्णज ने कहा की ऑनलाइन अटेंडेंस पूरी तरीके से अव्यवहारिक है। जिसे धरातल की परिस्थितियों को जाने बगैर लागू की जाने की कोशिश की जा रही है। आजादी के बाद से आज तक हम प्रत्येक गांव में बिजली पानी और सड़क की व्यवस्था नहीं कर पाए हैं। सरकार हर गांव के स्कूल से ऑनलाइन हाजिरी लेना चाहती है, जो व्यावहारिक नहीं है। जिससे शिक्षक साथियों को कई प्रकार की व्यक्तिगत एवं विभागीय समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
जिला महामंत्री डॉक्टर सहदेव सिंह चौहान ने कहा कि पहले सरकार हमारी मांगों को पूरा करें, उसके बाद किसी प्रकार का आदेश जारी होना चाहिए। इसमें उन्होंने बताया कि महीने में 5 दिन किसी इमरजेंसी कार्य की दशा में छूट दी जानी चाहिए तथा साल में 15 सीएल और 31 ईएल की व्यवस्था शिक्षकों के लिए की जानी चाहिए। 10 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए विशेष व्यवस्था शासन के द्वारा की जानी नहीं चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य रूप से गौरीशंकर बिंद, सविता अग्रवाल, अवधेश यादव, शिवम उपाध्याय, जयकुमार सिंह, कौशल प्रताप, रामपाल, अविनाश यादव, चंदन यादव, अनुपम शर्मा, विमल यादव, सुधीर यादव, महेश चंद्र आदि हजारों शिक्षक मौजूद रहे।
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मुहर्रम कार्यक्रमों के संबंध में शहर काजी ने की वार्ता
फिरोजाबाद। ब्यूरो रिपोर्ट (रीना खान) : प्राचीन व ऐतिहासिक धार्मिक स्थल शाही बड़ा इमामबाड़ा में होने वाले कार्यक्रमों के संबंध में शाही बड़ा इमामबाड़ा कमेटी के जनरल सेक्रेटरी व शहर काजी सैय्यद शाहनियाज अली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताए कि मुस्लिम समाज का बहुत ही खास व गमगीन इस्लामी महीना माहे मुहर्रम चंद्र दर्शानुसार 8 जुलाई 2024 से शुरू हो गया है। जिसके साथ ही जनपद के प्राचीन व ऐतिहासिक धार्मिक स्थल शाही बड़ा इमामबाड़ा पर पूरे माह फातिहा, नज़र ओ नियाज़ व मजलिसें (धार्मिक गोष्टियां) का भी आगाज़ हो गया। जनपद में मुहर्रम माह के समस्त धार्मिक कार्यक्रमों का मुख्य केंद्र प्राचीन व ऐतिहासिक धार्मिक स्थल शाही बड़ा इमामबाड़ा है, जिसकी मान्यता सैकड़ों वर्ष पुरानी है। जहाँ मुहर्रम के सभी धार्मिक कार्यक्रमों की सर्वप्रथम शुरुआत के बाद जनपद में भिन्न भिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों का आगाज़ होता है। प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा में पूरे माह मुहर्रम के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है परंतु, इस्लामी तारीख 7,8,9 व 10 चंद्र दर्शानुसार काफी एहम हैं, जहां मुख्यतः 7 व 9 वीं इस्लामी तारीख चंद्र दर्शानुसार सायं से भोर तक हजारों की संख्या में ज़ायरीनों की आवाजाही रहती है तथा रात्रि भर ज़ियारत (दर्शन) का क्रम जारी रहता है।
शहर काजी ने कहा कि कार्यक्रम स्थल प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा मिश्रित आबादी वाला अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, जोकि सदर बाजार से बिल्कुल लगा हुआ है जहाँ अधिकतर व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं तथा सभी समुदाय की भागीदारी है। शाही बड़ा इमामबाड़ा में रात्रि कालीन होने वाले समस्त कार्यक्रमों में अधिकतर महिलाएँ बच्चे व वृद्धजन शिरकत करते हैं तथा हज़ारों की तादात में अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ता है, जहाँ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की सख्त जरूरत है। जिसके लिये प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा में आयोजित होने वाले समस्त कार्यक्रमों में उचित पुलिस फोर्स, पी.ए.सी बल, महिला थानाध्यक्ष व महिला उप निरिक्षकों सहित महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती विषेश तौर पर की जावे ताकि महिला ज़ायरीनों को किसी किस्म की परेशानी, दुर्व्यवहार ना हो सके तथा शरारती तत्वों व अपराधिक किस्म के व्यक्तियों की गतिविधियों अफवाहों व उनकी कार्यशैली पर हर पल नज़र रखी जा सके तथा आपात स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
प्राचीन शाही वड़ा इमामबाड़ा में होने वाले सभी मुहर्रम कार्यक्रमों (शोक व ताज़ियेदारी के आयोजनों का संचालन प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा कमेटी के द्वारा किया जाता है, वहीं सुन्नी समुदाय के ही कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों का मुहर्रम कार्यक्रमों शोक व ताज़ियेदारी पर मतभेद तथा विरोधाभास है। चूंकि प्राचीन शाही वड़ा इमामबाड़ा परिसर के चारो और कट्टरपंथी विचारधारा वाले मत के लोगों व उनकी आबादी के मध्य स्थित है. जहाँ पर्याप्त पुलिस फोर्स के साथ ही उचित सुरक्षा व्यवस्था की बेहद जरूरत है। जिससे सैकड़ो सालों से होते आ रहे परंपरागत कार्यक्रमों को शांतिपूर्वक तरीके से आयोजित किया जा सके
इस अवसर पर मुहर्रम कमेटी के अध्यक्ष मुसर्रत अली, प्रबंधक मुहम्मद रज़ा अली, सह सचिव जावेद अली, उपाध्यक्ष असद अली वारसी व सह सचिव शाहफराज़ अली ने संयुक्त रूप से घोषणा की।
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सोनू सिकरवार ने प्रदेश अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
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फिरोजाबाद। ब्यूरो रिपोर्ट (रीना खान) : सोमवार को भारतीय हलधर किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सोनू सिंह सिकरवार ने संगठन की सदस्यता के साथ अपने प्रदेश अध्यक्ष के पद से त्यागपत्र दिया। और उन्होंने अपना इस्तीफा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह सोलंकी को भेजा है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में जितने भी किसान यूनियन संगठन संचालित हैं उन संगठनों के माध्यम से एक भी किसान भाई का हित लाभ नहीं हुआ है, यह संगठन केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए और टोल फ्री करने के लिए अपनी राजनीति चमका रहे हैं। इसीलिए अपने सहयोगियों से मिलकर निर्णय लिया गया है कि किसानों के हितों की ओर और उनको सम्मान दिलाने के लिए, किसान आयोग गठन की मांग को
लेकर हम कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को साथ लेकर शीघ्र ही राष्ट्रीय किसान एकता परिषद का गठन करेंगे। और इसी संगठन के माध्यम से पूरे भारत देश में देश के किसानों और जवानों को एक मंच पर लाकर उनके हक अधिकारों की लड़ाई लड़ी जाएगी और हमारे संगठन के पदाधिकारी टोल फ्री के नाम पर कोई आंदोलन नहीं करेंगे केवल किसानों के हक अधिकारों की बात शासन एवं प्रशासन के समक्ष रखेंगे।
इसी क्रम में अपने समर्थकों की एक महत्वपूर्ण आवश्यक बैठक 21 जुलाई को नगला भाऊ स्थित होटल अमन में होगी जिसमें पूरे प्रदेश के साथ- देश के संगठनो के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जा रहा है।