फिरोजाबाद। मानव जीवन के बदलते लाइफ स्टाइल की वजह से देखा जा रहा है कि कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो रहीं हैं उनमें से आमतौर पर हार्ट अटैक भी शामिल है। तभी हमने फिरोजाबाद जिले के सरकारी ट्रामा सेंटर में तैनात वरिष्ठ चिकित्सक डॉ राघवेंद्र प्रताप सिंह जाना तो उन्होंने बताया कि मेडिकल भाषा में कहें तो हार्ट अटैक को मायो कार्डियल इनफर्क्शन के रूप में भी जाना जाता है। अब बात करते हैं कि किसी भी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए उसके दिल का हेल्दी रहना बेहद जरूरी होता है। हार्ट हमारे शरीर का एक अहम हिस्सा है जो पूरे शरीर में खून पहुंचाने का काम करता है। ऐसे में जरूरी है कि इसे सेहतमंद कैसे रखा जाए। और देखा जा रहा है कि कई वजहों से लोग दिल की बीमारियों या हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं।
*डॉ राघवेंद्र ने हर्ट अटैक के बताए कारण*
डॉ राघवेंद्र कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति दिल की बीमारी की उम्मीद नहीं करता है, लेकिन सरल शब्दों में उन्होंने हार्ट अटैक के कई कारण बताए जैसे दिल की मुख्य नसों में से किसी एक नस का 100 फीसदी ब्लॉक हो जाना, कोलेस्ट्रॉल का जमना होता है। दिल को रक्त और ऑक्सीजन भेजने वाली धमनियों का अवरुद्ध हो जाना, रक्त का थक्का बन जाना, थक्का धमनियों को अवरुद्ध कर देता है, जिससे दिल का दौरा पड़ता है। जिसे हर्ट अटैक भी बोला जाता है। उन्होंने बताया कि दिल का दौरा पड़ने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और तनाव जैसे अन्य कारणों को हम हर्ट अटैक के कारण माने जा सकते हैं।
*क्या हैं दिल का दौरा पड़ने के लक्षण-डॉ राघवेंद्र*
डॉ राघवेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि 40 से 50 प्रतिशत दिल के दौरे जानलेवा होते हैं। लोग लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं, जो आमतौर पर ऐसा हफ़्तों या महीनों तक रहता हैं, उस समय दिल को रक्त नहीं मिल पाता जो कार्डियक अरेस्ट के रूप में सामने आता है।
डॉ राघवेंद्र प्रताप सिंह ये बताते हैं कि हर्ट अटैक पुरुषों और महिलाओं दोनों को होता है, पुरुषों और महिलाओं दोनों में हार्ट अटैक के लक्षण जैसे सांस लेने में तकलीफ, सीने में तेज दर्द, हाथ में दर्द धीरे-धीरे शुरू होना फिर बढ़ता चला जाना। लेकिन हर्ट अटैक में एक खास बात ये भी होती है कि आमतौर पर हम देखते हैं कि किसी व्यक्ति को सिर्फ़ दिल के ऊपर दर्द होता लेकिन कभी कभी सीने में दर्द न होकर पूरे शरीर में दर्द महसूस होना भी एक हार्ट अटैक का बड़ा लक्षण माना जाता है। वहीं हर्ट अटैक का दौरा 5 से 6 मिनट तक पड़ता है लेकिन कभी कभी 20 से 25 मिनट तक भी पड़ता है।
*हार्ट अटैक आने के दौरान क्या बरतें सावधानियां-डॉ राघवेंद्र*
डॉ राघवेंद्र प्रताप सिंह ने आगे बताया कि यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हैं जिसे दिल का दौरा पड़ने की आशंका है, या आपको ऐसा कुछ महसूस हो रहा है कि किसी व्यक्ति में दिल के दौरे के लक्षण दिख रह हैं, तो जितनी जल्दी हो सके उस व्यक्ति को चिकित्सा सहायता प्रदान कराएं, साथ ही एम्बुलेंस के आने का इंतज़ार करते समय, एस्पिरिन लेना भी उचित इलाज हो सकता है अगर व्यक्ति का पहला हर्ट अटैक नहीं है, तो एस्पिरिन के साथ नाइट्रोग्लिसरीन भी ले सकते हैं। वहीं एक गौर करने वाली बात यह भी है कि भले से आपको लक्षण बहुत गंभीर न लगें, लेकिन दिल के दौरे के दौरान अस्पताल तक गाड़ी से न जाएं।
अंत में डॉ राघवेंद्र ने बताया कि अगर व्यक्ति को हर्ट अटैक की बीमारी है तो उस व्यक्ति को कई सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे अगर आपको दिल का दौरा पड़ चुका है, तो आपको निश्चित रूप से दूसरा दौरा पड़ने का जोखिम है। कोलेस्ट्रॉल कम करने से हर्ट अटैक में जोखिम से मदद मिलती है। अगर आपको डायबिटीज है, तो आप पहले से ही उच्च जोखिम में हैं। तो आपको ठंड के महीनों में ज़्यादा सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि सर्दियों के दौरान ठंड का मौसम रक्त वाहिकाओं को और भी ज़्यादा संकुचित कर देता है। उन्होंने कह कि दिल का दौरा पड़ने वाले व्यक्ति को फावड़ा चलाना, बाहर कड़ी मेहनत करना और तनाव में रहना से बचना चाहिए क्योंकि इससे दिल के दौरे को जल्दी दावत मिल सकती है। तो इसलिए आप अपने स्वास्थ्य में होने वाले किसी भी परिवर्तन के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और सलाह लें और अपने चिकित्सक को अपना सलाहकार बनाने के साथ उसे अपना मित्र बनाएं तभी आप बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़ कर जंग जीत सकते हैं।